यदि आपको नई-नई जगहों पर जाने का शौक है, तो हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बता रहे हैं, जहाँ जाकर आप खुश हो जाएँगे और फिर बार-बार जाना चाहेंगे। इस जगह का नाम है शांघड़। हिमाचल के कुल्लू जिले में कुल्लू से लगभग 55 किलोमीटर दूर सैंज घाटी में स्थित है। शांघड़ तक सड़क बनी है और आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ अपनी गाड़ी या टैक्सी से भी आसानी से यहाँ जा सकते हैं।
शांघड़ कैसे जाएँ?
दिल्ली/चंडीगढ़ या किसी भी मैदानी शहर से मनाली जाने वाली बस पकड़िए और कुल्लू से 30 किलोमीटर पहले औट नामक जगह पर उतर जाइए। औट से आपको सैंज, न्यूली या शांघड़ के लिए दूसरी बस मिलेगी। औट से 20 किलोमीटर दूर सैंज स्थित है, सैंज से 7 किलोमीटर आगे रोपा है और रोपा से शांघड़ का रास्ता अलग होता है। न्यूली जाने वाली सभी बसें रोपा से ही जाती हैं। यदि आपको सीधे शांघड़ की बस न मिले, तो औट व सैंज से टैक्सी भी मिल जाएगी।
यदि आप अपनी गाड़ी से आ रहे हैं, तो आपको औट बाजार जाने की आवश्यकता नहीं है। आपको बस यह ध्यान रखना है कि औट बाजार से 3 किलोमीटर पहले औट टनल में प्रवेश न करें। टनल में प्रवेश करने की बजाय सीधे ही चलते रहें। 2 किलोमीटर चलने के बाद आप लारजी पहुँच जाएँगे, जहाँ से दाहिनी सड़क तीर्थन वैली जाती है और बायीं सड़क सैंज वैली। आपको बायीं सड़क पर चल देना है।
शांघड़ में कहाँ ठहरें?
यहाँ होटलो, होम-स्टे की कोई कमी नहीं है। आपके बजट में अच्छे कमरे मिल जाएँगे।
शांघड़ में क्या करें?
यहाँ शंगचुल महादेव का भव्य मंदिर है। मंदिर लकड़ी और पत्थरों का बना है। मंदिर के पास ही बहुत बड़ा मैदान है, जो शांघड़ की पहचान है। मैदान चारों ओर से देवदार के जंगल से घिरा है और दूर महाहिमालय के बर्फीले पर्वत भी दिखाई देते हैं।
शांघड़ के आसपास कहाँ जाएँ?
आप सैंज वैली के अन्य स्थान देख सकते हैं, जैसे मनु ऋषि मंदिर आदि। ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए सैंज वैली स्वर्ग है। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के बहुत सारे ट्रैक यहाँ से शुरू होते हैं।
इसके अलावा आप तीर्थन घाटी, पराशर झील और जंजेहली भी जा सकते हैं, जो शांघड़ से ज्यादा दूर नहीं हैं।
शांघड़ जाने का सर्वोत्तम समय
यहाँ पूरे साल कभी भी जाया जा सकता है। सर्दियों में बर्फबारी भी होती है। ऐसे में शांघड़ के मैदान को देखना अलौकिक अनुभव होता है।
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